iTi Fitter Memorable Point स्मरणीय बिन्दु (ITI Fitter Theory Basic Knowledge) Part-4
फिटर सिद्धांत स्मरणीय बिन्दु (iTi Fitter Memorable Point) जानने को आपको मिलेगा इसके साथ और भी Parts में आपको काफी जानकारी देखने को मिलेगा जिससे आप पढ़ सकते हैं। यह पार्ट-4 है। iTi Fitter important Point स्मरणीय बिन्दु (ITI Fitter Theory Basic Knowledge) Part-4
iTi Fitter important Point स्मरणीय बिन्दु (ITI Fitter Theory Basic Knowledge) Part-4 |
1. डिवाइडर के प्वाइन्ट को सही लोकेशन के लिए तथा सैटिंग के लिए 30°का प्रिक पंच मार्क उपयोग किया जाता है।
2. हैमर का वह भाग जो हार्ड नहीं होता वह चीक (Cheek) कहलाता है।
3. पंच मार्क को ड्रिल के केन्द्र से सीधा मिलाते समय ड्रिल वाइस को टेबल पर क्लैम्प नहीं करना चाहिए।
4. चिपिंग करते समय चीजल को क्लीयरेंस देने का उद्देश्य चीजल और जॉब के बीच घर्षण को दूर करना हैं।
5. तूतिया परिष्कृत सतह पर अच्छी तरह चिपकता है।
6. सफेद पुताई खुरदरे ढलाई सतह पर लगाया जाता है।
7. प्रशियन ब्लू सूखने में समय अधिक लगता है
8. सेलूलोज लेक्वर के उपयोग से सतह पर उत्तम रेखाएं बनती है।
9. शीट मैटल कार्यों में हैण्ड ग्रूवर का प्रयोग ग्रूव सीम को लॉक करने के लिए किया जाता है।
10. छत (Roof) निर्माण कार्यों के लिए डबल ग्रूव्ड सीम ज्वाइंट का उपयो किया जाता है।
11. पंच द्वारा धातु चद्दरों में किये हुए सुराखों के चारों ओर से धातु को फ्लैट करने के लिए बॉल पेन हैमर का उपयोग किया जाता है।
12. शीट मैटल शॉप में प्रयोग होने वाली शीटें-रोलिंग करके बनायी जाती है।
13. एल्यूमीनियम शीटों को प्रयोग में लाने का कारण लाइटनैस है।
14. धातु चद्दर कार्यों में जॉब को 90° के बैण्ड के साथ बनाने के लिए 'वी' नोच का उपयोग किया जाता है।
15. हॉर्स स्टेक डबल ऐडिड आयाम प्रदान करती है।
16. 0.4 मि.मी. से कम थिकनेस वाली शीटों से हेम्स और सीम्स बनाने के लिए कोई एलाउंस नहीं रखा जाता है।
17. लीस्ट बैण्ड रेडियस निर्भर करता है। - 1. प्लेट की थिकनैस और धातु पर 2. कार्यकारी तापमान पर
18. हाईली कोरोसिव टेंको को बनाने के लिए लैड शीटों का उपयोग किया जाता है।
19. जब फनेल और टेपर वस्तुओं की शेपिंग और सीमिन करनी हो तो फनल स्टेक का उपयोग किया जाता है।
20. फोल्डिंग बार एक क्लैम्पिंग डिवाइस है जिसे वाइस में क्लैम्प करके शीटों को आयताकार व वर्गाकार आकार में मोड़ दिया जाता है।
21. उच्च कार्बन इस्पात के कठोरीकरण के लिए आवश्यक है कि उसे उचित ताप तक गर्म करके पानी में तेजी से ठंडा किया जाए।
22. स्कवायरनैस में त्रुटि को शुद्धता में चैक करने के लिए सिलेण्डर स्कवायर तथा स्लिप गेजों का उपयोग किया जाता है।
23. एनीलिंग मुख्यतया हाई कार्बन स्टील व अलाय स्टील पर की जाती है।
24. स्टेनलेस स्टील को लाल गर्म करके स्थिर हवा में ठंडा करके एनीलिंग की जाती है।
25. 0.9% से 1.5% तक कार्बन वाली स्टील के लिए एनीलिंग तापमान 760°C से 780°C तक रखा जाता है।
iTi Fitter important Point स्मरणीय बिन्दु (ITI Fitter Theory Basic Knowledge) Part-3
iTi Fitter important Point स्मरणीय बिन्दु (ITI Fitter Theory Basic Knowledge) Part-5
26. टफनेस कड़ापन का गुण शॉक या इम्पेक्ट सहन करने वाला होता है।
27. इलास्टिकसिटी का गुण बल हटाने पर अपनी पूर्व स्थिति में लोटने की शाक्ति को कहते हैं।
28. मैलिएबिलिटी का गुण :- रॉट आयरन में अधिक होता है।
29. डक्टीलिटी का गुण :- कॉपर में अधिक होता है।
30. मैलिएबिलिटी का गुण :- रबर में, अधिक होता है (नॉन मैटालिक)
31. ब्रिटिलनेस का गुण होता है :- कास्ट आयरन में, अधिक होता है।
32. टिन :- यह शुद्धतम् रूप में कमजोर होता है।
33. कॉपर :- ऑयल की ट्यूब तथा बायलर बनाने में उपयोग होता है।
34. जिंक का आयरन शीट्स के गेल्वनाइजिंग के लिए उपयोग किया जाता है।
35. रेडियल लीड स्क्रू, स्ट्रोक की लंबाई के एडजस्टमेंट में उपयोग होता है।
36. माइल्ड स्टील अन्य स्टील की तुलना में सॉफ्ट तथा डक्टाइल होती है।
37. डैड माइल्ड स्टील बहुत अधिक डक्टाइल होती है,
38. मीडियम कार्बन स्टील हार्ड टफ तथा कम डक्टाइल होती है।
39. हार्ड कार्बन स्टील हार्ड तथा कम डक्टाइल होती है।
40. डैड माइल्ड स्टील का पतली शीट बनाने में उपयोग होता है।
41. हाई कार्बन स्टील का कोल्ड चीजल बनाने में उपयोग होता है।
42. माइल्ड स्टील का प्रयोग जनरल वर्कशॉप के आइटम बनाने में उपयोग होता है।
43. मीडियम कार्बन स्टील का एक्सल बनाने में उपयोग होता है।
44. चैन पुल्ली - यह पोर्टेबल लिफ्टिंग उपकरण है।
45. इंडस्ट्रीयल फोर्क- लिफ्ट - यह मटेरियल हेण्डलिंग में उपयोग होने वाला चार चक्के का वाहन है।
46. शाक्ल - यह हुक ब्लॉक तथा स्लिंग्स को लोकेट करने में उपयोग किया जाता है।
47. रिटैनिंग -: चैन शीयर लोड की स्थिति को लॉक करने में उपयोग होती है।
48. ट्रिपोड - : इसमें तीन पैर होते हैं।
49. मशीन स्पिण्डल के ऊपर से देखने पर ड्रिल को क्लॉक वाइस दिशा में घूमना चाहिए।
50. ड्रिल के पेरिफरल स्पीड तथा ड्रिल की कटिंग स्पीड एक समान ही होती है।
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