Types of Screwdriver, Wrench or Spanner | how to use | स्क्रू ड्राइवर किसे कहते हैं, रैंच या स्पैनर्स किसे कहते हैं, इस्तेमाल कैसे करें। | Fitter Theory

What is Screw Drivers | Types of Screw Drivers | स्क्रू ड्राइवर किसे कहते हैं, स्क्रू ड्राइवर के प्रकार।

किसी भी स्क्रू को खोलने व कसने के लिए स्क्रू ड्राइवर या
पेचकस का प्रयोग किया जाता है जिसमें स्कू ड्राइवर के प्वाइन्ट को सैट होने के लिए ग्रूव कटा होता है। इसका आगे का भाग हाई कार्बन स्टील का होता है जबकि पीछे का भाग अर्थात् हैण्डल प्लास्टिक या लकड़ी का बना होता है। इसके आगे के चपटे भाग को ब्लेड कहते हैं और सिलिण्ड्रीकल भाग को शैंक कहते हैं।

Types of Screw Drivers ( स्क्रू ड्राइवर के प्रकार )

(i) Standard Screw Driver (स्टैण्डर्ड स्क्रू ड्राइवर)
(ii) Philips Screw Driver (फिलिप्स स्क्रू ड्राइवर)
(iii) Ratchet Screw Driver (रैचेट स्क्रू ड्राइवर)
(iv) Off set Screw Driver (आफ सैट स्क्रू ड्राइवर)

(i) Standard Screw Driver (स्टैण्डर्ड स्क्रू ड्राइवर)

इस पेचकस का प्रयोग सभी साधारण कामों के लिए किया जाता है। इसका ब्लेड स्क्रू में कटे स्लाट में सैट किया जाता है। यह 50 मि.मी. से 500 मि.मी. तक लम्बाई में मिलते हैं।

(ii) Philips Screw Driver (फिलिप्स स्क्रू ड्राइवर)

फिलिप्स स्कू को खोलने व कसने के लिए करते हैं, जिसके हैड पर + के निशान में ग्रूव या स्लॉट कटा होता है।

(iii) Ratchet Screw Driver (रैचेट स्क्रू ड्राइवर)

इसका प्रयोग वहां किया जाता है, जहां पर ब्लेड को जल्दी खोलना व कसना होता है। इसके हैण्डल को उठाकर नीचे दबाने पर इसका ब्लेड तेज घूमने लगता है, जिससे स्कू जल्दी खुलता या कसता है। इसमें रैचट के द्वारा गति होती है, जिसे शिफ्टर कहते हैं। शिफ्टर को ऊपर खींचने पर ब्लेड बायीं तरफ घूमता है और नीचे दबाने पर दायीं तरफ घूमता है।

(iv) Off set Screw Driver (आफ सैट स्क्रू ड्राइवर)

यह स्क्रू ड्राइवर दोनों किनारों से 90° के कोण पर मुड़ा रहता है। इसका प्रयोग ऐसी जगह किया जाता है, जहां स्क्रू मशीन के अन्दर लगे हों और साधारण पेचकस से न खुलते हों।

स्क्रू ड्राइवर का प्रयोग करते समय क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए?

1. हमेशा स्क्रू के साइज के अनुसार स्क्रू ड्राइवर का चुनाव करना चाहिए।
2. यदि छोटे पेच (Screw) के लिए बड़ा स्क्रू ड्राइवर प्रयोग करेंगे तो इसकी स्लॉट खराब हो जायेगी।
3. स्क्रू ड्राइवर का ब्लेड सीधा ग्राइण्ड करना चाहिए ताकि वह स्कू हैड में ठीक बैठ सके।
4. स्क्रू खोलते या कसते समय जॉब को हाथ से नहीं पकड़ना चाहिए अन्यथा स्क्रू ड्राइवर फिसल कर हाथ में लग सकता है।
5. स्क्रू ड्रइवर को कभी भी चिजल/या पंच के समान नहीं प्रयोग करना चाहिए क्योंकि हैमर की चोट से हैण्डल फट सकता है और ब्लेड भी खराब हो सकता है।

Types of Wrench or Spanners ( रैंच या स्पैनर्स के प्रकार )

  • 1.Engineer Spanner (इंजीनियर स्पैनर)
  • 2.Ring Spanner (रिंग स्पैनर)
  • 3.Closed End Spanner (क्लोज्ड एण्ड स्पैनर)
  • 4.Adjustable Spanner (एडजस्टेबल स्पैनर)
  • 5.Pin Face Spanner (पिन फेस स्पैनर)
  • 6.Hook Spanner (हुक स्पैनर)
  • 7.Adjustable Hook Spanner (एडजस्टेबल हुक स्पैनर)
  • 8.'T' Socket Spanner (टी-सॉकिट स्पैनर)
  • 9.Off Set Socket Spanner (ऑफसेट सॉकिट स्पैनर)
  • 10.Tubular Box Spanner (टयूबलर बाक्स स्पैनर)
  • 11.Monkey Wrench (माँकी रैच)
  • 12.Lever Jaw Wrench (लीवर जॉ रैच)
  • 13.Ratchet Wrench (रैचट रैंच)
  • 14.Pipe Wrench (पाइप रैंच)
  • 15.Chain Pipe Wrench (चेन पाइप रैंच)
  • 16.Alen Key (एलन 'की')

What is Wrench or Spanner | Types of Wrench or Spanners | रैंच या स्पैनर्स से आप क्या समझते हैं ? यह किस मैटेरियल के बनते हैं ? ये कितनी प्रकार के होते हैं ?

रैंच (Wrench) या स्पैनर (Spanner) एक हैण्ड टूल है, जिसके द्वारा नट और बोल्ट को खोलते या कसते हैं। इसका मुंह इस प्रकार बना होता है कि यह नट या बोल्ट हैड में आसानी से सैट हो जाता है और पीछे की बॉडी से लीवरेज (Leverage) लगाई जाती है। आमतौर पर अस्थाई फास्टनर को खोलने व कसने के लिए इनका प्रयोग करते हैं जैसे नट व बोल्ट। सभी प्रकार के स्पैनर विभिन्न साइजों में मिलते हैं, जिस प्रकार नट व बोल्ट अलग-अलग साइजों में होते हैं।

Types of Wrench or Spanners Material ( रैंच या स्पैनर्स किन धातुओं की बनाई जाती )

ये अधिकतर वेनेडियम स्टील या कार्बन स्टील को फोर्ज करके बनाए जाते हैं तथा इनके मुंह केस हार्ड होते हैं।

1. Engineer Spanner (इंजीनियर स्पैनर)

इस प्रकार के स्पैनर का मुंह आगे से खुला होता है और नट तथा बोल्ट के साइजों के अनुसार बना होता है। इनके मुंह या सिरे इसके अक्ष के साथ 15° के कोण पर बने होते हैं ताकि लीवरेज अच्छी लग सके। यह सैटों में मिलते हैं। प्रत्येक सैट में 6, 8, 9, व 12 स्पैनर होते हैं। यह दो प्रकार के होते हैं।

(A) सिंगल एण्डड स्पैनर (Single Ended Spanner)

इस प्रकार के स्पैनर में केवल एक ही तरफ मुंह बना होता है और इसके द्वारा एक ही साइज का नट या बोल्ट खोला या कसा जा सकता है।

(B) डबल एण्डड स्पैनर (Double Ended Spanner)

इस प्रकार के स्पैनर के दो मुंह होते हैं तथा दोनों मुंहों का साइज भी अलग-अलग होता है। अर्थात् इसके द्वारा दो साइज के नट बोल्ट खोले व कसे जा सकते हैं।

2. Ring Spanner (रिंग स्पैनर)

इसे Twelve Point Box Spanner भी कहते हैं क्योंकि इसके रिंग वाले सिरे के अन्दर 12 बिन्दु या खांचे (Notches) बने होते हैं, जिसमें नट या बोल्ट का सिरा
चारों तरफ से पकड़ा जाता है। इसके भी दोनों सिरे अलग-अलग साइज के होते हैं । ये भी सिंगल एण्डड व डबल एण्डड दो प्रकार के होते हैं। इनका प्रयोग ऑटोमोबाइल में ज्यादा किया जाता है।

3. Closed End Spanner (क्लोज्ड एण्ड स्पैनर)

इस स्पैनर का सिरा आगे से बन्द होता है और इस सिरे के अन्दर षट्भुज आकार का सुराख होता है जिसका साइज नट या बोल्ट के हैड के अनुसार होता है। यह भी बोल्ट हैड को या नट को चारों तरफ से पूरी तरह पकड़ता है और
फिसलता नहीं है। इसका प्रयोग एक ही साइज के नट व बोल्ट को कसने व खोलने के लिए करते हैं।

4. Adjustable Spanner (एडजस्टेबल स्पैनर)

इस स्पैनर का भी एक जॉ स्थिर और एक जॉ मूवएबल होता है। इसके एडजस्टेबल जॉ को वर्म स्क्रू की सहायता से आगे पीछे चलाया जाता है। इसके द्वारा अलग-अलग साइज के नट व बोल्ट खोले व कसे जा सकते हैं। इस स्पैनर का प्रयोग वहां किया जाता है, जहां लाइट वर्क (Light Work) हो क्योंकि इसमें लीवरेज कम लगती है। यह विभिन्न साइजों में मिलते हैं जैसे 150, 200 व 300 मि.मी. आदि।

5. Pin Face Spanner (पिन फेस स्पैनर)

इस स्पैनर की दो लैग्स (Legs) होती हैं जो एक सिरे पर रिवेट द्वारा जुड़ी होती हैं। दोनों टांगों के सिरे पर दो पिनें लगी होती हैं। इस स्पैनर का प्रयोग ऐसे नट को खोलने के
लिए करते हैं, जिनके फेस पर इन पिनों को फंसने के लिए ब्लाइन्ड सुराख बने होते हैं। इस प्रकार के नट सिलिण्ड्रीकल होते हैं। ऐसे नट वहां प्रयोग किए जाते हैं, जहां स्थान तंग होते हैं अर्थात् दूसरे स्पैनर को फिट करने में कठिनाई होती है। यह एडजस्टेबल स्पैनर होता है क्योंकी इसकी टांगों को अलग-अलग साइज में खोल सकते हैं।

6. Hook Spanmer ( हुक स्पैनर )

इस स्पैनर का एक सिरा अर्द्धगोलाई में बना होता है, जिसके एक सिरे पर पिन लगी होती है जिसे हुक भी कहते हैं। इसका प्रयोग ऐसे नट को खोलने के लिए करते हैं जिसकी आकृति बेलनाकार होती है और बेलनाकार सतह पर सुराख बने होते हैं, जिनमें हुक स्पैनर का हुक फिट होता है। जैसे माइक्रोमीटर की एरर को ठीक करने के लिए भी इसी स्पैनर का प्रयोग किया जाता है।

7. Adjustable Hook Spanner (एडजस्टेबल हुक स्पैनर)

इस स्पैनर का प्रयोग भी हुक स्पैनर की तरह गोल सिलिण्ड्रीकल सतह वाले नट को खोलने व कसने के लिए करते हैं लेकिन इसकी हुक को अलग-अलग साइज में एडजस्ट कर सकते हैं, जिस कारण अलग-अलग साइज के नट खोले जा सकते हैं।

8. 'T' Socket Spanner (टी-सॉकिट स्पैनर)

इस स्पैनर की आकृति अंग्रेजी के T अक्षर के आकार की होती है। इसके सिरे पर सॉकिट बनी होती है। इस सॉकिट के अन्दर वर्गाकार या षट्भुजाकर सुराख बने होते हैं। ये सुराख अलग-अलग साइज के होते हैं। इसके द्वारा अलग साइज के हेक्सागन व वर्गाकार नट खोले व कसे जा सकते हैं। इसे बॉक्स स्पैनर कहते हैं।

9. Off Set Socket Spanner (ऑफसेट सॉकिट स्पैनर)

यह अंग्रेजी के 'L' अक्षर के आकार का होता है। इसका छोटा सिरा सॉकिट टाइप होता है और दूसरा लीवरेज के लिए होता है, जिस पर पूरी ताकत लगाई जा सकती है। इसका प्रयोग वहां करते हैं, जहां 'T' Socket Spanner प्रयोग न किया जा सके।

10. Tubular Box Spanner (टयूबलर बाक्स स्पैनर)

यह पाइप का बना होता है, जिसके दोनों सिरे अन्दर से षट्भुज आकार में बने होते हैं।दोनों सिरों के पास दो आर पार सुराख होते हैं, जिनमें गोल सरिया डालकर इसे घुमाया जाता है। इसका प्रयोग गहराई में लगे नट को कसने
के लिए करते हैं। आमतौर पर स्कूटर आदि के प्लग इसी के द्वारा खोले व कसे जाते हैं।

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11. Monkey Wrench (माँकी रैच)

यह एक हैवी ड्यूटी रैच है। इसमें दो जॉ (Jaw) होते हैं। एक जॉ स्थिर (Fix) व दूसरा एडजस्टेबल होता है। एडजस्टेबल जॉ को नट व स्क्रू की सहायता से आगे पीछे चलाया जाता है। इसका प्रयोग बड़े साइज के नट व बोल्ट को खोलने के लिए करते हैं।

12. Lever Jaw Wrench (लीवर जॉ रैच)

इस प्रकार के रैंच में दो जॉ (Jaw) होते हैं। इनमें एक जॉ फिक्स (Fix) होता है और दूसरा एडजस्टेबल होता है। एडजस्टेबल जॉ एक पिन की सहायता से फिट होता है। इसमें एक स्प्रिंग भी लगा होता है, जिसके द्वारा इसे एडजस्ट किया जाता है। प्रयोग करते समय इसे लॉक (Lock) भी कर सकते हैं । यह तक लॉक रहता है जब तक इसके हैण्डल को छोड़ा नहीं जाता है। जैसे इसके हैण्डल को छोड़ देते हैं तो इसकी पकड़ ढीली हो जाती है। इस कारण इसे सैल्फ ग्रिप रैंच (Self Grip Wrench) भी कहते हैं।

13. Ratchet Wrench (रैचट रैंच)

इस रैंच का एक सिरा बन्द होता है। इसमें एक रैचट लगा होता है। इस रैचट की सहायता से नट को आसानी से खोला व कसा जा सकता है। इस रैचट को पूरा नहीं घुमाया जाता बल्कि कुछ भाग तक ही घुमाया जाता है। इस लिए इसे वहां प्रयोग करते हैं, जहां स्पैनर को पूरी गोलाई में घुमाना कठिन होता है।

14. Pipe Wrench (पाइप रैंच)

इस रैच का प्रयोग पाइपों को खोलने व कसने के लिए करते हैं। इसका भी एक जॉ स्थिर और दूसरा एडजस्टेबल होता है। इसके दोनों जॉ के फेस पर दांते कटे होते हैं ताकि ग्रिपिंग पावर (Gripping Power) अधिक हो। यह विभिन्न साइजों में मिलते हैं। जैसे 150, 200, 250, 300, 350 और 450 mm.

15. Chain Pipe Wrench (चेन पाइप रैंच)

बड़े व्यास के पाइपों को पकड़ने के लिए इस रैच का प्रयोग किया जाता है। इसमें एक ही जॉ होता है, जो फिक्स होता है तथा एडजस्टेबल जॉ की जगह चेन लगी होती है। चेन को कसने के लिए एक हुक लगी होती है, जिसमें चेन को फिट किया जाता है।

16. Alen Key (एलन 'की')

यह षट्भुज आकार का 'L' Shape (शेप) की होती है। इसके द्वारा Alen Head Bolt या स्क्रू खोले व कसे जाते हैं। यह भी सैट में मिलती हैं।

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